नई दिल्ली: देश में अहम हिस्से जम्मू कश्मीर को लेकर चल रही गहमा गहमी के बीच घाटी की राजनीति में एक नई सियासी पार्टी ने प्रवेश किया है।
दरअसल, कश्मीर में एक नया राजनीतिक संगठन शुरू हुआ है, जिसका राष्ट्रवादी नजरिया है। इस संगठन का नाम जम्मू एंड कश्मीर पॉलिटिकल मूवमेंट (इंडिपेंडेट) है।
आपको बता दें कि, भारी सुरक्षा बल तैनाती और कर्फ्यू के बीच इस मूवमेंट के गठन की खबर श्रीनगर में 9 सितंबर को एक प्रेस कांफ्रेंस में सामने आई, तथा इस मूवमेंट की सूचना उन लोगों ने दी, जिनका संबंध किसी राजनेैतिक पार्टी से नहीं है।
कश्मीर के लिए नई शुरुआत की वकालत करते हुए इस नई पार्टी ने ‘सभी क्षेत्र के लोगों को आमंत्रित किया है। हालांकि, पार्टी का नेतृत्व प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मौजूद नहीं था।
गौरतलब है कि, छह अगस्त को भारत सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 370 की ज़्यादातर धाराओं को रद्द कर दिया था, जिसके बाद घाटी को मिला विशेष दर्जा खत्म कर दिया गया। कश्मीर से 370 हटाये जाने के बाद पिछले लगभग 45 दिनों से वहाँ भारी तादाद में सेना लगी हुई है, राज्य के कद्दावर नेता नज़रबंद हैं तथा मोबाइल फ़ोन, इंटरनेट सेवा आदि भी ठप्प है।
वहीँ इसी बीच, एक नई राष्ट्रवादी राजनीतिक संगठन का घाटी में पनपना काफी दिलचस्प है, क्यूंकि ये पार्टी के दूसरे मुख्यधारा के राजनीतिक दलों जैसे पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी), नेशनल कांफ्रेंस (एनसी) के विपरीत है और राष्ट्रवादी विचार का समर्थन करता है।
गौरतलब है कि, जम्मू कश्मीर पोलिटिकल मूवमेंट के अध्यक्ष पीरजादा सईद ने एक मीडिया आउटलेट को दिए इंटरव्यु में कहा है कि, वो समझते है के ‘हमारा भविष्य भारत के साथ है’। आपको बता दें कि, पीरजादा इससे पहले उमर अब्दुल्ला की अगुवाई वाले नेशनल कांफ्रेंस के सदस्य रह चुके हैं तथा वर्ष 2002 में विधानसभा चुनाव के लिए टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने पार्टी छोड़ दी थी।