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प्रयागराज : मउआइमा एजुकेशन सोसाइटी की तरफ से एक बैठक का आयोजन किया गया जिसमें मौलाना वसीम मज़ाहिरी नाज़िम मदरसा नाज़िम अबु बक्र सिद्दीक ने कहा कि शिक्षा एक अनमोल मोती है और किसी भी समाज और देश के विकास के लिए उसकी युवा पीढ़ी को स्वावलम्बी होना अत्यंत आवश्यक है। शिक्षा हासिल करने के लिए इस्लाम धर्म में बहुत जोर दिया गया है, लेकिन अफसोस हमारे नौजवान इसकी अहमियत नहीं समझते और दुख तो इस बात का है जिस नशे-शराब की लत को इस्लाम ने हराम बताया है हमारे इलाके के नौजवान इसी बुराई में लिप्त पाए जाते है जिससे उनकी जिन्दगी बर्बाद हो रही है। हमारी और आपकी जिम्मेदारी है कि हम उन्हें सीधे रास्ते पर लेकर आए। शिक्षा के द्वारा ही यह संभव है कि हम हमारी आने वाली नस्लों को नशे जैसी गलत आदतों की लत से बचा सकते है।
वहीं दुसरी ओर मुफ्ती फज़लुर्रहमान इलाहाबादी ने कहा, “सफलता कठिनाईयों के बगैर हासिल नहीं होती है इसलिए हमें शिक्षा के मैदान में बहुत काम करने की ज़रुरत है यह एक त्रासदी है कि हमारा मऊआइमा कज़्बा इस मैदान बहुत पीछे है।”इन्होनें छात्रों से अपील की है कि पढ़ लिख कर हमारे देश के विकास के साथ हमारे कौम की खिदमत भी कीजिए।
सोसायटी के अध्यक्ष अल्ताफ हुसेन का कहना है कि इस सोसायटी का मकसद युवाओँ को शिक्षा की ओर अग्रसर करना है।
सोसायटी के रहनुमा उमैर जलाल ने कहा कि शिक्षा के बिना विकास संभव नहीँ है। युवाओं को उच्च शिक्षा ग्रहण करना चाहिए। मऊआइमा क़स्बे के युवाओं में शिक्षा के नूर को रोशन करने के लिए मैं हर तरह की मदद करने को तैयार हुँ। समाज में शिक्षा का बढ़ावा देकर ही युवा पीढी को सफलता की तरफ ले जाना बहुत जरुरी है। उन्होंने कहा, ‘कि आप लोग मेरे छोटे भाईयों की तरह हो आपके भविष्य को संवारना मेरी जिम्मेदारी है उसे उठाने के लिए मैं पूरी तरह तैयार हुँ, लेकिन आप लोग शिक्षा हासिल करने के लिए कोशिश और मेहनत करें।‘
बैठक की शुरुआत क़ारी मोहम्मद ने कुरान की तिलावत से हुई। तेज बरसात के बावजूद भारी इस बात का सबुत थी कि इस समुदाय के नौजवान आगे बढ़ना चाहते है। हाफिज मोहम्मद साकिब, हाफिज दानिश, सैफ अंसारी, अर्हम आरिफ, मोहम्मद अरशद, मोहम्मद ज़ैद, सलमान सिद्दीकी आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे। मुफ़्ती फजलुर्रहमान इलाहाबादी की दुआ पर मीटिंग का समापन हुआ।
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