“भारत हनी” ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी अगल पहचान बनाई है कम्पनी के मालिक डॉ नजीबुद्दीन का कहना है कि शहद का व्यवसाय न केवल लाभदायक है बल्कि आम जनता के लिए बहुत लाभकारी है। शहर का उपयोग अक्सर घरों में किया जाता है। प्रस्तुत है उनसे बातचीत का कुछ अंश :
असली शहद की पहचान करते हुए यह कारोबार कितना फायदेमंद है ?
उत्तर: शहद एकमात्र ऐसा आहार है जिसे कुरान में मनुष्यों के लिए दवा बताया है। सदियों से इस्तेमाल हो रहे शहद के विभिन्न उपचारों ने यह साबित कर दिया कि यह मानव स्वास्थ्य के लिए कितना उपयोगी है लेकिन इस मिलावटी औद्योगिक दौर में शहद ने अपनी पहचान खो दी है क्योंकि इस उद्योग में मिलावटी और कृत्रिम तरीके से तैयार हुए शहद का ही कब्ज़ा है। बाज़ार में बिकने वाला 70 से 80 प्रतिशत शहद नकली और मिलावटी होता है। आपने देखा होगा कुछ दिनों से बडी बडी कम्पनियाँ धडल्ले से शहद बेच रही है जो एक ही जैसा मीठा, गाढा और चमकदार होता है, जबकि तथ्य यह है कि प्राकृतिक शहद वहाँ पाए जाने फूलों की किस्मों के हिसाब से विभिन्न प्रकार का होता है जिससे रंग, सुगंध और स्वाद में अंतर होता है। भारत युनानी फार्मेसी एकमात्र ऐसी कम्पनी है जो शहद की विभिन्न किस्मों को प्राकृतिक अवस्था में देश के लोगों तक पहुँचाने का काम कर रही है।
भारत हनी की शुरुआत कैसे हुई ? इस व्यवसाय को कैसे शुरु किया ?
लगभग तीन दशक पहले इस कारोबार को शुरु किया। शुरुआत में हम लोग ग्रामीण इलाके में रहते थे तो वहाँ के आदिवासियों से शहद इकट्ठा करते थे तब से हमने असली शहद के कारोबार की शुरुआत कडी मेहनत और इमानदारी से की। विभिन्न जंगलों से शहद इकट्टा करना और इस प्राकृतिक शहद को आम जनता तक पहुँचाना कम्पनी की प्रक्रिया है “भारत हनी” बाज़ार में उपलब्ध शहदों से बिल्कुल अलग प्रॉडक्ट है जो विभिन्न प्रकारों के असली शहद बेचती है अधिकांश लोग इस बारे में नहीं जानते है। हमारा उद्देश्य शुद्ध शहद को लोगों के बीच पहुँचाना है जो दवाओं के उपयोग में सक्षम हो। इसी कारण हम इसको गर्म या अल्ट्रा-निस्पंदन नहीं करते है। भारत हनी ने एगमार्क से ना केवल शुद्धीकरण का प्रमाणपत्र प्राप्त किया है बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी बायोलिटी टेस्ट में स्वीकार्य है। प्रत्येक बोतल के हिस्से पर लिखा होता है नकली साबित करने वाले को दस हज़ार का ईनाम।
बराए मेहरबानी आप हमारे पाठकों को यह बताएं कि किस प्रकार शहद इस्तेमाल करके बीमारियों से बचा जा सकता है?
खाना खाने के तुरंत बाद गुनगुने पानी में 4 बूँद नीबू का रस, चुटकी भर सौंठ का पाउडर और स्वादानुसार शहद मिला कर पीने से गैस, एसिडिटी और अपचन की समस्या से छुटकारा मिलता है। शरीर में हल्कापन महसूस होता है। अगर आपने सुबह नाश्ते में पोषकतत्वों से भरपूर शहद को रोटी के साथ इस्तेमाल करना शुरु किया तो आप बहुत सारी बीमारियों से निजात पा सकते है। बच्चों को शहद की तीन-चार बूँदे रोज़ाना चटाने से प्रतिरोधक क्षमता बढती है, आयरन और केल्शियम की कमी नहीं होगी और विकास भी तेजी से होता है। बढते बच्चे में एक चम्मच शहद के सेवन से भोजन की कमी दूर होगी, प्रतिरोधक क्षमता बढेगी, और आश्चर्यजनक तरीके से विकास में वृद्धी होगी। दूध, रोटी और ब्रेड के साथ इसका सेवन किया जा सकता है। नज़ला, खाँसी और ज़ुकाम होने पर: कलौंजी के तेल में शहद मिला कर दो-तीन बार सेवन करने से तुरन्त राहत मिलेगी। शारीरिक और मानसिक थकावट के समय: एक गिलास पानी में 2 चम्मच शहद के साथ स्वादानुसार नीबू का रस मिलाकर पिलाने से शरीर में फूर्ति आती है और दिमाग को सुकून मिलता है। खिलाडियों के लिए शहद का उपयोग करना बहुत फाएदेमंद होता है। खाने के बाद शहद के शर्बत में स्वादानुसार नीबू, सौंठ और सेंधा नमक मिलाकर पीने से शरीर में फुर्ती और हल्कापन बना रहता है। बुज़ुर्गों के लिए: बुढापे की बीमारियों और कमज़ोरी में शहद का इस्तेमाल बहुत उपयोगी है सर्दियों में होने वाली मौसमी बीमारियों से बचने के लिए गर्म दूध में शहद और केसर मिला कर पीने से ताकत भी मिलती है और बीमारियों से भा बचा जा सकता है। कमजोरी और दर्द के लिए: खाने से पहले दूध में शहद और अस्गंध का सुफूफ(युनानी दवा) मिला कर इस्तेमाल करें और खाने के बाद आधा चम्मच शहद चाट लें, पाचन तंत्र ठीक रहेगा और गैस की समस्या भी समाप्त होगी। आधे सिर दर्द की समस्या: दर्द की हालत में विपरीत नथुने में शहद की 1 बूँद डालने से तेज दर्द में तुरंत राहत मिल जाएगी। दांतों का दर्द: शहद में सिरका मिला कर कुल्ली करने से दर्द के साथ दाँतों की सडन भी दूर होगी और मसूडे मज़बूत बनेंगे। अनार के छिलको को पानी में अच्छे से उबालकर छान लें फिर रोजाना शहद मिला कर कुल्ला करने से दाँत मजबूत होगें और छालों की समस्या भी दूर होगी। आँखों के लिए: एक गिलास पानी में चुटकी भर नमक और शहद मिला कर सुबह शाम आँखों को धोने से खुजली की समस्या खत्म हो जाएगी और आँख से पानी आना भी बंद हो जाएगा। गले की बीमारी(दर्द और सूजन): गर्म पानी में शहद मिला कर गरारे करें। आवाज़ बैठना: काली मिर्च, हींग, राई और केसर के पाउडर को शहद में मिलाकर पेस्ट बना कर मुँह में डालकर धीरे धीरे निगले, आवाज़ साफ हो जाएगी। कोलेस्ट्राल और हृदय सम्बन्धित रोगों के लिए: अर्जुन का छाल को पानी में इतना उबालें कि पानी की मात्रा आधी रह जाए, फिर इसे छान कर शहद मिला कर खाने से पहले पिएं, यह हृदय रोगियों के लिए संजीवनी साबित होगा। कोलेस्ट्राल भी नियंत्रित रहेगा। शूगर के मरीज़ जामुन के शहद को इस्तेमाल करें। एक चम्मच शहद और एक चम्मच बादाम के तेल को मिलाकर खाली पेट पीने से भी शूगर नियंत्रित रहती है।
पेशाब के इन्फेक्शन के लिए: शहद, नीबू का रस और चुटकी भर फिटकारी का पाउडर पानी में डालकर खाली पेट पीने से संक्रमण दूर होगा और मूत्र खुलकर आएगा। भोजन के पश्चात् शहद में कलौंजी के 2-3 दाने डालकर चाटने से भी मूत्र की समस्या में आराम आएगा। घाव होने पर: चोट लगने पर ज़ख्म को साफ करके शहद का लेप लगाकर पट्टी बाँधे। आग से जले हुए घाव पर भी शहद का लेप लगाने से ज़ख्म जल्दी सूख जाता है।
विषाक्त ज़हर: शहद का शर्बत पिलाने से ज़हर उल्टी के द्वारा बाहर आ जाता है, तब तक पिलाए जब तक उल्टी बन्द ना हो जाए, उसके बाद शहद चटाने से शरीर में ऊर्जा का प्रवाह तेजी से होगा। पुराना(नासूर घाव) ज़ख्म: नमक और शहद का घोल बना कर ज़ख्म पर लगाए, मौसमी बीमारियों से बचने के लिए शहद के सिरप का इस्तेमाल कीजिए। त्वचा सम्बन्धी: स्किन के दाग-धब्बों से छुटकारा पाने के लिए शहद, सिरका और नमक का पेस्ट लगाएं, त्वचा चमकदार और साफ होगी। शहद के उपयोग से सर की जुएं भी मर जाती है। गर्मी के मौसम में घबराहट को दूर करने के लिए सेब के सिरके को शहद में मिला कर थोड़ा थोडा पिएं। दिल की मज़बूती के लिए रोज रात में सोने से पहले 1 चम्मच शहद जरुर खाएं। तेज ज़ुखाम में आधा नीबू का रस और 2 चम्मच शहद खाने से तुरन्त राहत मिलेगी।