वजहुल कमर : सीवान लोक सभा सीट को लेकर सरगर्मी तेज होती जा रही है। पिछले दो बार से लगातार जीत दर्ज़ करने वाले भाजपा के उम्मीदवार ओम प्रकाश यादव के टिकट न मिलने से उनके समर्थकों में काफ़ी रोष है। हालांकि सच यह है कि सीवान सीट एन डी ए के घटक दल जे डी यू के खाते में चली गई।
इस लिए अब ओम प्रकाश यादव की जगह जे डी यू की नेत्री बाहुबली नेता अजय सिंह की पत्नी कविता सिंह अब यहाँ से चुनाव लड़ रही हैं। जो बतौर जे डी यू की एम एल ए हैं। इस लिए लोगों में ये चर्चा की विषय बनी हुई है कि लगातर दो बार जीत दर्ज़ करने के बावज़ूद ओम प्रकाश यादव का टिकट क्यूँ कट गया। इसके पीछे कहीं पार्टी की अंदरूनी कलह तो नही क्योंकि कुछ दिनों से बीजेपी के एम एल सी टुन्ना पाण्डे एक तरफ़ अपनेआप को बीजेपी का सेवक बता रहे थे तो वही ओम प्रकाश यादव को बहरूपिया चोर आदी बोल रहे थे और बहुत सारे लांछन भी लगाए जिसमें अपने आदमियों से गाली दिलवाना जान से मारने की धमकी देना आदी शामिल है उन्होंने अपने फ़ेसबुक पेज पर बहुत बार लाइव आ कर या मीडिया कॉन्फ्रेंस में उन्होंने ऑन केमरा ये सारी बातें कहीं ज़वाब में ओम प्रकाश यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि उन पे लगाए गए सारे आरोप ग़लत और बेबुनियाद है।
टुन्ना पाण्डे ने अपने वीडियो में ये भी कहा था कि इस बहरूपिया को पार्टी से बहार का रास्ता दिखाएंगे तथा औक़ात बताने और सही समय पर ज़वाब देने की भी बात कही गई थी। इसलिए लिए ओम प्रकाश के समर्थकों को लगता है कि जानबूझ कर उनका टिकट काटा गया है क्योंकि राजनीति में जीते हुए कैंडिडेट की आवाभगत बहुत होती है चाहे वो विकास का कार्य करे या नही मगर जब तक जनता या जाति का आशीर्वाद बना रहता है तब तक पार्टी उस के हर ग़लती को नज़र नजरंदाज करती रहती है।
बड़हरिया के एम एल ए कई बार बार बालाओं के साथ ऑर्केस्ट्रा में नशे में चूर हो कर डांस करते हुए पाए गए फ़िर भी जे डी यू ने उन पर कोई कार्यवाई नही की क्योंकि उनकी जाति के लोग हर बार उन्हें जीता देते हैं चाहे वो विकास का कोई काम करें या ना करें पर ओम प्रकाश यादव ने भी बहुत सारा सड़क बनवाया था छठ घाट का काम किया था सोलर लगवाया था फ़िर भी टिकट नही मिला हालांकि उनके दिल्ली से वापस लौटने पर उनके समर्थकों का भीड़ देख कर ऐसा लगा की वो निर्दलीय भी जीत सकते हैं पर आला कमान का उन पर भरोसा नही था शायद इसी लिए ये सीट जे डी यू के झोली में डाल दिया या फ़िर इनके साथ अंदरूनी राजनीति कर दिया गया हालांकि सीवान में अक्सर देखा गया है एम वाई समीकरण जिसे सपोर्टर करता है जीत जाता है या जिसे चहता है हरा देता है इसका एक उदाहरण अंदर मीर पुर के एक मुखिया हरी शंकर यादव हैं एम वाई ने सपोर्टर से मुखिया से रघुनाथपुर क्षेत्र से सीधा विधायक बन गए।
अब देखना ये है कि क्या ओम प्रकाश यादव निर्दलीय मैदान में उतरेंगे या कविता सिंह को स्पोर्ट कर के राजद नेत्री हिना साहब को हराने में अपने घटक दल का सहयोग करेंगे अब ये आनेवाला समय ही बताएगा।