पिछले पांच साल में भारत की तेज आर्थिक वृद्धि और विकास के प्रयास रुपांतरकारी रहे हैं और देश अगले पांच साल में पांच हजार अरब डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने को तैयार है। अमेरिका में भारत के राजदूत ने यह कहा है।
अमेरिका में भारत के राजदूत हर्षवर्धन श्रृंगला ने फिक्की और जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी के इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल इकोनॉमिक पॉलिसी द्वारा यहां आयोजित एक कार्यक्रम में मंगलवार को कहा कि भारत सबसे मजबूत विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।
उन्होंने कहा, यदि किसी अर्थव्यवस्था की आधारभूत बातों पर गौर करें तो भारत में मुद्रास्फीति पांच साल पहले 10 प्रतिशत से अधिक थी जो अब करीब 4.60 प्रतिशत पर आ गयी है। इसी तरह राजकोषीय घाटा भी करीब छह प्रतिशत से कम होकर तीन प्रतिशत पर आ गया है। ये काफी महत्वपूर्ण संकेतक हैं।
श्रृंगला ने कहा, ‘‘पिछले पांच चाल में हमने बड़ी छलांग लगायी है। मुझे लगता है कि हमने रुपांतरकारी तरीके से वृद्धि की है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति को मध्यम वर्ग और गरीबों के ऊपर बकाया कर के तौर पर माना जाता है। अत: मुद्रास्फीति को कम करना, राजकोषीय घाटा को कम करना अच्छा प्रशासन और अर्थव्यवस्था का अच्छा प्रबंधन है।’’
उन्होंने कहा कि भारत ने 259 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित किया है और इनमें 90 प्रतिशत निवेश स्वचालित रास्तों से आये हैं।
–PTI