प्रदेश में हो रहे ताबड़तोड़ अपराधो को लेकर राष्ट्रीय लोक दल के प्रदेश अध्यक्ष डा मसूद अहमद ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा। शनिवार को एक प्रेस वार्ता में पत्रकारो को संबोधित करते हुए डा मसूद अहमद ने कहा की प्रदेश की भाजपा सरकार कानून व्यवस्था की दृष्टि से पूरी तरह से असफल प्रतीत हो रही है। राजधानी में प्रतिदिन अपराधों का ग्राफ बढ़ता जा रहा है चाहे वह अपराध जघन्य हो चाहे फिर डकैती या लूटपाट का।
यही नही प्रदेश का किसान भी त्रस्त हो रहा है। उसे चुनाव के समय कर्ज माफी का वादा किया गया था लेकिन आज भी वह वादा सिर्फ घोषणा प्रतीत हो रही है क्योंकि मार्च 2016 तक कर्ज माफी की घोषणा करना आंकड़ेबाजी के अतिरिक्त कुछ नहीं है।राष्ट्रीय लोकदल की मांग है कि वर्ष 2017 तक के किसानों के सभी कर्ज माफ होने चाहिए तथा बीमा का पैसा और फसलों का मुआवजा तथा गन्ने का बकाया ब्याज का भुगतान सरकार को तत्काल करना चाहिए। इसके अतिरिक्त समय समय पर नहरों में पानी तथा खाद्य बीज की व्यवस्था भी सुनिश्चित हो जानी चाहिए।बाढ़ पीड़ित क्षेत्रों की सुरक्षा की व्यवस्था स्थाई रूप से की जानी चाहिए ताकि प्रत्येक वर्ष अनावश्यक रुप से जन धन की हानि ना हो।
केंद्र सरकार द्वारा गरीबों को उज्ज्वला के अंतर्गत गैस कनेक्शन दिए गए हैं उनको भी सब्सिडी दी जाए क्योंकि आम जनता को गैस सब्सिडी काटकर 436 रुपए में पड़ती है जबकि गरीब को लगभग ₹700 में गैस मिल रही है। यह गरीबों की गरीबी के साथ अन्याय है। अपनी बात आगे जारी रखते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने कहा की हमारे देश के प्रधानमंत्री छप्पन इंच सीने की बात करते थे, आज सीमा पर अनगिनत जवान शहीद हो रहे हैं और केंद्र और प्रदेश सरकाऱ केवल लाखों में अनुकंपा राशि देकर शहीद की कीमत लगा रहे हैं। इतना ही नहीं भूतपूर्व सैनिक भी भाजपा से दुखी है। बंदूक के लाइसेंस के रिनिवल के लिए भूतपूर्व सैनिक दौड़ रहे हैं और उनके रिनिवल नहीं हो पा रहे हैं।
इसी प्रकार विकास प्राधिकरणों, नगर पालिका, जिला परिषद, नगर निगम नगर पंचायत में आरक्षण के अनुसार भूतपूर्व सैनिकों को कोटा आवंटित नहीं हो पा रहे हैं। भूतपूर्व सैनिकों का पुराने आवंटित दुकानों में किराया दो से तीन गुना तक बढ़ाया जा रहा है। आम जनता को आवंटित दुकानों का किराया ₹180 के स्थान पर 30 वर्ष के बाद भी ₹250 लिया जा रहा है जबकि पूर्व सैनिकों को आवंटित दुकानो में 170 रु की जगह 600 रुपया प्रति दुकान ली जा रही है। सैनिको को आवंटित दुकाने अगली पीढ़ी के लिए नहीं होती है जबकि नगर पालिका द्वारा बनाई गई आम जनता को दी गई दुकानें पुश्तैनी हो जाती हैं.
राशन की दुकानों या अन्य एजेंसियों में भी भूतपूर्व सैनिकों को कोटे के अनुसार उनका हक नहीं मिलता है। भूतपूर्व सैनिक दर दर की ठोकरें खा रहे हैं राष्ट्रीय लोकदल मांग करता है की सीमा पर तैनात सैनिकों के लिए इंटेलीजेंस की गतिविधियां बढ़ाएं जाएं, उनके रहन सहन और खान पान और सुरक्षा से संबंधित मुद्दों को अति आवश्यक श्रेणी में रखा जाए। यदि संभव हो तो पूर्व सैनिकों की एक कमेटी बनाकर सैनिकों के बीच परीक्षण किया जाए और रिपोर्ट के अनुसार सुधार किया जाए। यह ध्यान रहे कि कमेटी में निम्न रैंक वाले योग्य लोगो को प्राथमिकता दी जाए।
पेट्रोल की घटतौली के प्रकरण में डा मसूद अहमद ने कहा की जो लोग रंगे हाथ पकड़े गए हैं उनके लाइसेंस तत्काल रद्द किए जाएं उनके अनुसार ऐसा सुनने में आया है कि बड़े शहरों में पेट्रोल पंप मालिक अपनी जमीन को खाली कराने के लिए जान बूझकर चिप लगाकर अपने आप को पकड़कर लाइसेंस रद्द कराना चाहते हैं। डिपो से तेल निकलने के पश्चात पम्प तक कितना पहुंचता है इस पर भी ध्यान देना आवश्यक है क्योंकि पेट्रोल उड़ता भी है।उपभोक्ता संरक्षण पर ध्यान देना आवश्यक है सरकार को चाहिए कि संदेह वाले पेट्रोल पंपों को मशीनों को बदला कर टेम्पर प्रूफ मशीनें लगाएं ताकि उपभोक्ता को सही मात्रा में पेट्रोल मिल सके।