By Maeeshat News
बिहार एक बडा बाजार होने के साथ यह प्रदेश मानव शक्ति से भरपूर है। बिहार में औद्योगिक शीर्ष पर पहुंचने के लिये सभी क्षमतायें मौजूद है। देश की आर्थिक हालत का अंदाजा लगाना आसान काम नहीं है। सकल घरेलू उत्पाद यानी जी.डी.पी. को लगातार बढ़ाते चलने की जरूरत हमें इसीलिए पड़ती है क्योंकि आबादी के लिहाज से देश का आकार बढऩे की मात्रा बढ़ती है। इसके अलावा देश के नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता बढ़ाते चलना हमारा मकसद होता ही है।
बढ़ती आबादी और बढ़ती बेरोजगारी के कारण हमारे सामने एक ही विकल्प बचता है कि हम अपना उत्पादन या सेवा क्षेत्र कैसे बढ़ाएं। अब तक के अनुभव से हम जान चुके हैं कि उत्पादन बढ़ाने में बड़ी बाधाएं हैं। कृषि और विनिर्माण के क्षेत्र में पूरी ताकत लगा कर भी समस्यायों का निवारण किया जा सकता है।
गुरुवार को पटना में आयोजित ‘व्यापार बढ़ाओ, बिहार बढ़ाओ’ विषय पर आयोजित संवाद कार्यक्रम में समाज के सभी तबके के लोग शामिल हुए। बिहार के विकास व व्यापार के कई रास्ते तलाशे गये। कृषि व पर्यटन के क्षेत्र में संभावनायें अधिक जतायी गयीं। चैंबर ऑफ कॉमर्स सहित कई संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना था कि अगर सूबे में कृषि आधारित उद्योगों व पर्यटन के क्षेत्रों का विकास किया जाए, तो बिहार का व्यापार निश्चित रूप से बढ़ेगा।
इतना ही नहीं चैंबर के प्रतिनिधियों ने छोटे—छोटे कार्यो के लिए विभागों के चक्कर लगाने की मजबूरी जतायी। इस पर प्रशासन की ओर से उन्हें भरपूर सहयोग का आश्वासन दिया गया।
इस कार्यकर्म के माध्यम से बताया गया कि ग्रामीण क्षेत्रों में आम तौर पर फसलों की कटनी के बाद होने वाली बेरोजगारी की समस्या को दूर करने के लिए छोटे—छोटे उद्योग खोलने पर जोर दिया गया। ताकि उस दौरान होने वाले पलायन को रोका जा सके।