By Maeeshat News
केंद्र सरकार ने खाद्य पदार्थों के भंडारण और संरक्षण के लिए एक अहम फैसला किया है. खबर के मुताबिक केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण और उद्योग मंत्रालय ने पूरे देश में 101 नई एकीकृत कोल्ड चेन (शीत भंडार श्रृंखला) परियोजना को मंजूरी दी है. इस पर कुल 3100 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है. इसके तहत फलों, सब्जियों, डेयरी उत्पाद, मछली, मांस जैसे खाद्य पदार्थों को संरक्षित रखा जाएगा. इससे पहले मंत्रालय ने मई, 2015 में 30 कोल्ड चेन परियोजनाओं को मंजूरी दी थी.
माना जा रहा है कि मोदी सरकार की इस पहल से इस बर्बादी में कमी आएगी. इससे रोजगार के मौकों में बढ़ोतरी होने की संभावना है. नई कोल्ड चेन परियोजनाओं के जरिए किसानों की आय को दोगुना करने का मकसद भी हासिल किया जा सकेगा. बताया जाता है कि इससे खाद्य पदार्थों की आपूर्ति में भी सुधार होगा.
पूरी दुनिया में भारत खाद्य उत्पादन के मामले में पहले पायदान पर है. फल और सब्जी उत्पादन में मामले में उसका दूसरा स्थान है. फिलहाल देश में केवल 2.2 फीसदी फलों और सब्जियों का प्रसंस्करण ही किया जाता है. इसके अलावा कोल्ड स्टोरेज की सुविधा कुछ ही राज्यों में ही केंद्रित है. देश में स्थित कुल कोल्ड स्टोरेज में 90 फीसदी का इस्तेमाल आलू के भंडारण के लिए किया जाता है.