By Maeeshat News
मोदी सरकार द्वारा दिन पर दिन नए नियमो को लागु करने और बदलाव करने का मानो एक मुहीम सा चला दिया है. तभी तो मिड डे मील और सर्व शिक्षा अभियान सहित करीब 36 केंद्रीय योजनाओं को आधार कार्ड कार्ड से जोड़ ने के बाद 30 जून तक आधार कार्ड बनवाना अनिवार्य कर दिया है. इसका मतलब साफ है कि देश का कोई भी नागरिक अगर इन सरकारी योजनाओं का फायदा उठाना चाहता है तो उसे 30 जून तक आधार कार्ड बनवाना होगा.
मीडिया सूत्रों के मुताबिक देश के ज्यादातर राज्यों में 5 से 18 साल की उम्र के 75 फीसदी बच्चों के पास आधारकार्ड है, जहां ये अनिवार्य किया गया है. लगभग सभी व्यस्कों के पास भी आधारकार्ड है.
इतना ही नहीं पिछले सप्ताह भी आधार कार्ड को लगभग 34 योजनाओं के लिए अनिवार्य बनाया गया था. इसके आलावा में राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम और दीनदयाल दीनदयाल अंत्योदय योजना , एलपीजी सब्सिडी और पीडीएस के जरिए राशन लेने, 6 स्कॉलरशिप योजनाओं, एससी/एसटी के लिए इंटरकास्ट शादियों के लिए मिलने वाली सहायक राशि, एचआरडी मिनिस्ट्री ने कॉलेज और यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स के लिए केंद्रीय स्कॉलरशिप, साक्षर भारत योजना और सर्व शिक्षा अभियान, इसके अलावा नैशनल हेल्थ मिशन के तहत स्टाफ को दिए जाने वाले पैसों को लेने के लिए भी आधार को स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा अनिवार्य बनाया गया है.
वास्तव में देखा जाये तो सरकार ने कई कल्याणकारी योजनाओं को आधार कार्ड से जोड़ने को अनिवार्य बना दिया गया है. जबकि वास्तव में, इससे होने वाले नुकसान और वंचित रह जाने वालों की एक लंबी लिस्ट बनती जा रही है. जैसे- आधार के बिना बुज़ुर्ग पेंशन की सूची से हटा दिए गए हैं, मनरेगा श्रमिकों को आधार में हुई छोटी–छोटी गलतियों के कारण उनकी मज़दूरी से इनकार किया जा रहा है, और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत कार्ड धारकों को बॉयोमेट्रिक प्रमाणीकरण में तकनीकी खामियों के कारण खाद्य सुरक्षा व राशन से वंचित किया जा रहा है.