By Maeeshat News
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के अमल में आने के बाद छोटे होटल, रेस्टोरेंट और ढाबों में खाना सस्ता हो सकता है। शनिवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीएसटी कर प्रणाली से जुड़े दो अहम विधेयकों के मसौदे को मंजूरी दी गई. टैक्स में दो-तिहाई तक बचत हो सकती है।
टैक्स में दो-तिहाई तक बचत हो सकती है। दरअसल, जीएसटी काउंसिल ने 50 लाख रु. तक सालाना टर्नओवर वाले होटलों, रेस्तरां और ढाबों के लिए दर 5% तय करने को मंजूरी दे दी है।
केंद्र और राज्यों ने किसानों को जीएसटी व्यवस्था के तहत रजिस्ट्रेशन से छूट देने का फैसला किया है। जीएसटी काउंसिल ने 50 लाख रुपये तक सालाना टर्नओवर वाले छोटे होटलों, रेस्टोरेंट और ढाबों के लिए जीएसटी की दर 5 फीसदी तय करने को मंजूरी दी है। यदि आप ऐसे किसी होटल, रेस्तरां, ढाबे में खाना खाते हैं तो मौजूदा सर्विस टैक्स की तुलना में एक तिहाई ही जीएसटी देना होगा। फिलहाल सर्विस टैक्स की दर 15% है। यह रेस्तरां की बिल राशि के 40% पर लगता है।
बताते चलें कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) एक अप्रत्यक्ष कर यानी इंडायरेक्ट टैक्स है। जीएसटी के तहत वस्तुओं और सेवाओं पर एक समान टैक्स लगाया जाता है। जहां जीएसटी लागू नहीं है, वहां वस्तुओं और सेवाओं पर अलग-अलग टैक्स लगाए जाते हैं। अगर कोई कंपनी या कारखाना एक राज्य में अपने उत्पाद बनाकर दूसरे राज्य में बेचता है तो उसे कई तरह के टैक्स दोनों राज्यों को चुकाने होते हैं जिससे उत्पाद की कीमत बढ़ जाती है। जीएसटी लागू होने से उत्पादों की कीमत कम होगी।
अगर किसी रेस्टोरेंट में 1,000 रुपये का बिल बनता है तो सर्विस टैक्स 60 रुपये बनता है। यदि इसी फॉर्मूले के मुताबिक 5 फीसदी जीएसटी लगा तो आपको 40 रुपये की बचत होगी। क्योंकि जीएसटी की राशि 20 रुपये ही बनेगी।