लखनऊ: (प्रेस विज्ञप्ति )बाराबंकी स्थित जहांगीराबाद मीडिया संस्थान में अब छात्र डिग्री कोर्सों में दाखिला लेना शुरू कर रहे हैं. महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा के डिस्टेंस लर्निंग यानी दूरस्थ शिक्षा के विस्तार के तहत विश्वविद्यालय ने जहांगीराबाद मीडिया संस्थान के साथ यह साझेदारी की है.
जहांगीराबाद मीडिया संस्थान में जो तीन नए कोर्स शुरू किए जा रहे हैं,
- इलेक्ट्रानिक मीडिया और फिल्म प्रोडक्शन में पीजी डिप्लोमा (एक साल)
- पत्रकारिता व मॉस कम्यूनिकेशन में स्नातक (एक साल)
- पत्रकारिता व मॉस कम्यूनिकेशन में परास्नातक (दो साल)
इन तीनों कोर्सेज़ के लिए न्यूनतम योग्यता किसी भी विषय में स्नातक है.
जहांगीराबाद प्रौद्योगिकी संस्थान के कैम्पस में स्थित जहांगीराबाद मीडिया संस्थान की नींव साल 2005 जहांगीराबाद किले में मीडिया की प्रोफेशनल ट्रेनिंग को बढ़ावा देने की नीयत से रखी गयी थी. यह संस्थान लखनऊ से 40 किलोमीटर की दूरी पर बाराबंकी के जहांगीराबाद क़िले में स्थित है.
चूंकि देखने में मालूम नहीं चलता, फिर भी यह मीडिया संस्थान पूरी तरह से नई तकनीकों, कला और इन्फ्रास्ट्रक्चर की अधुनातन सुविधाओं, जिम्मेदार और अनुभवी शिक्षकों, मीडिया से जुड़े लोगों और तमाम आविष्कारिक रूप से तैयार किए गए कोर्स मैटेरियल से लैस है. जहांगीराबाद मीडिया संस्थान कई सालों से मीडिया और पत्रकारिता के लिए सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स चला रहा था, लेकिन अच्छी मीडिया लाइब्रेरी और टीवी व रेडियो पत्रकारिता के लिए आधुनिक स्टूडियो के साथ अब छात्र डिग्री कोर्स में भी दाखिला ले सकेंगे.
इन नए पाठ्यक्रमों के बाबत मीडिया संस्थान के चेयरमैन मंज़ूर घोरी ने कहा, ‘जहांगीराबाद किले के परिसर में स्थित इस संस्थान के पास आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर और सुदृढ़ कार्यप्रणाली है. इन नए कोर्सों और ज़्यादा सुविधाओं के साथ हम छात्रों को अच्छी शिक्षा दे पाएंगे.’
जहांगीराबाद ट्रस्ट के अंतर्गत चलने वाले सभी शिक्षण संस्थानों को सम्हालने और उनके प्रति जिम्मेदारी का फ़र्ज़ निभाने का बीड़ा अमरीका स्थित चैरिटेबल संस्था इन्डियन मुस्लिम रिलीफ़ एंड चैरिटीज़ (IMRC) ने उठाया है, जिसे भारतीय मूल के प्रोफेशनल मिलकर चलाते हैं.
जहांगीराबाद एजुकेशनल ट्रस्ट के अंतर्गत साल 2009 से ही जहांगीराबाद प्रौद्योगिकी संस्थान के कैम्पस के अधीन कई सारे कोर्स चलाए जा रहे हैं. कई शैक्षिक कार्यक्रमों को जोड़कर अगले कुछ सालों के भीतर इस संस्थान को पूर्णरूपेण विश्वविद्यालय में तब्दील करने की कोशिशें की जा रही हैं.
आवेदन की आखिरी तारीख 30 जुलाई है.