नई दिल्ली: सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भूमि अधिग्रहण में विलंब और हरित मंजूरियां जैसी बाधाएं दूर करने के बाद एक महीने में 1,80,000 करोड़ रुपये की अटकी पड़ीं राजमार्ग परियोजनाएं शुरू कर दी जाएंगी।
उन्होंने पूर्ववर्ती सरकार पर आरोप लगाया कि ‘आवश्यक भूमि का 10 प्रतिशत भी अधिग्रहण किए बगैर परियोजनाओं का ठेका दे दिया गया, जिससे सड़क क्षेत्र को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। गडकरी ने घोषणा की कि जल्द ही 2 लाख करोड़ रुपये मूल्य की नई परियोजनाएं शुरू करने के लिए कदम उठाए गए हैं।
पीएचडी चैंबर द्वारा राजमार्ग पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए गडकरी ने कहा, 1,80,000 करोड़ रुपये लागत की 189 परियोजनाएं भूमि अधिग्रहण में समस्याओं, वन एवं पर्यावरण मंजूरियों में विलंब, रक्षा भूमि का हस्तांतरण नहीं होने और रेल ओवरब्रिज में बाधाओं के चलते अटकी पड़ी हैं। 15 अगस्त तक इन बाधाओं को दूर कर दिया जाएगा और इन पर काम शुरू हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि ‘पूर्ववर्ती सरकार द्वारा खड़े किए गए कई मुद्दों के चलते’ सड़क परियोजनाओं के ठेके देने के लिए पीपीपी मॉडल वर्तमान में व्यवहारिक नहीं है और इंजीनियरिंग, खरीद व निर्माण (ईपीसी) आधार पर स्कीमें पेश की जाएंगी।
गडकरी ने कहा, दो लाख करोड़ मूल्य की परियोजनाओं के लिए जल्द ही डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) तैयार हो जाएगी, जिसके बाद वन एवं पर्यावरण मंजूरी व भूमि अधिग्रहण के लिए कदम उठाए जाएंगे। दो वर्ष बाद सड़क एवं बंदरगाह क्षेत्र से भारत की जीडीपी कम से कम दो प्रतिशत बढ़ाने में मदद मिलेगी।
गडकरी ने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार द्वारा पीपीपी के तहत पेश की गई 11 परियोजनाएं जो दो साल से अटकी हैं, उन्हें ईपीसी के तहत पेश किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस तरह की परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वयं की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। बैंकों के एनपीए में अकेले सड़क क्षेत्र का हिस्सा 2,40,000 करोड़ रुपये है, जबकि बिजली क्षेत्र का हिस्सा 3,60,000 करोड़ रुपये है। गडकरी ने कहा कि वह जल्द ही इस संबंध में बैंक अधिकारियों के साथ बैठकें करेंगे। पुराने मामलों को निपटाने के बाद सड़क मंत्रालय प्रतिदिन 30 किलोमीटर सड़क बनाने की आकांक्षा रखता है।
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 21,000 करोड़ रुपये और पूर्वोत्तर में 15,000 करोड़ रुपये मूल्य की परियोजनाओं पर काम चालू है, जबकि 40,000 करोड़ रुपये मूल्य की परियोजनाओं के लिए हाल ही में अड़चनों को दूर किया गया है।
गडकरी ने कहा कि सड़क परियोजनाओं के वित्त पोषण में कोई दिक्कत नहीं आएगी क्योंकि सरकार विदेशी निवेशकों को सड़क मंत्रालय द्वारा गठित निगम में हिस्सेदारी खरीदने की अनुमति देने की इच्छुक है।
उन्होंने कहा, हम कुछ देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं और उन्हें एक लाख करोड़ रुपये धन के बदले निगम में 26 प्रतिशत हिस्सेदारी की पेशकश की है।