साल 2007 के समझौता ब्लास्ट केस में बड़ा फैसला सुनाते हुए पंचकूला की एनआईए कोर्ट ने स्वामी असीमानंद समेत सभी चार आरोपियों को बरी कर दिया है. इस मामले में असीमानंद के अलावा लोकेश शर्मा, कमल चौहान और रजिंदर चौधरी मुख्य आरोपी थी.
अगस्त 2014 में इस मामले के मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद को ज़मानत मिल गई थी. कोर्ट में जांच एजेंसी एनआईए असीमानंद के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं दे पाई थी. उन्हें सीबीआई ने 2010 में उत्तराखंड के हरिद्वार से गिरफ्तार किया था. उन पर वर्ष 2006 से 2008 के बीच भारत में कई जगहों पर हुए बम धमाकों को अंजाम देने से संबंधित होने का आरोप था.
असीमानंद के खिलाफ मुकदमा उनके इकबालिया बयान के आधार पर बना था लेकिन बाद में वह ये कहते हुए अपने बयान से मुकर गए थे कि उन्होंने वह बयान टॉर्चर किए जाने की वजह से दिया था.