By Maeeshat News
उत्तरप्रदेश के चुनाव ख़तम होने के बाद पूरे देश को एग्जिट पोल्स का इंतज़ार था ! इंतज़ार तो ख़त्म हुआ लेकिन जीत होने की बयां बाजी भी जम कर हो रही है। चुनाव संपन्न होने के साथ ही जीत-हार को लेकर दावे और तेज हो गए। यहां तक कि सबसे ज्यादा सट्टा भी उत्तर प्रदेश चुनाव परिणाम पर ही लग रहा है।
हलाकि एग्जिट पोल में किसी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने का अनुमान लगाया गया है। ऐसे में त्रिशंकु विधानसभा की स्थिति बन सकती है। बीजेपी को 161 सीटों के साथ सबसे आगे दिखाया गया है, जबकि दूसरे नंबर पर 141 सीटों के साथ कांग्रेस-एसपी गठबंधन रह सकता है। बीएसपी को जहां 87 सीटें मिलने का अनुमान लगाया गया है, वहीं अन्य को 14 सीटें मिल सकती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पिछले हफ्ते खुद तीन दिनों तक वाराणसी में डेरा डाले रहे। बीजेपी को उम्मीद है कि इस क्षेत्र में प्रधानमंत्री की मौजूदगी ने वोटरों को पार्टी के समर्थन में वोट डालने के लिए प्रोत्साहित किया।
उधर, बीएसपी ने अखिलेश के इस प्रस्ताव पर कहा कि पार्टी पहले चुनाव नतीजों का वेट करेगी। बीएसपी ने साफ कर दिया है कि फिलहाल किसी के साथ गठबंधन का विचार नहीं है। बीएसपी की तरफ से यह भी दावा किया जा रहा है कि 11 मार्च को उनकी पार्टी यूपी में सबका सफाया कर देगी। बीएसपी ने एग्जिट पोल्स के नतीजों को खारिज करते हुए कहा है कि अक्सर ऐसे पोल्स में बीएसपी की हार दिखाई जाती है।
साथ ही लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद प्रदेश की सत्ता में वापसी के प्रति आश्वस्त बीएसपी का भविष्य भी काफी हद तक इन चुनाव के परिणामों पर टिका है। हालांकि विभिन्न ‘एग्जिट पोल’ में बीजेपी और एसपी-कांग्रेस गठबंधन के बीच कांटे की टक्कर के दावे किये गये हैं, मगर दोनों ही बहुमत से दूर हैं। इसके अलावा बीएसपी को तीसरे नंबर पर बताया जा रहा है. बहरहाल, पिछले कई चुनावों के अनुभव ज्यादातर एग्जिट पोल के पक्ष में गवाही नहीं देते। अब सारी निगाहें 11 मार्च को मिलने वाले जनादेश पर टिक गई हैं।