बिहार में लोकसभा की आधी से अधिक सीटों पर चुनाव परिणाम उन नेताओं के रुख पर भी निर्भर करेगा जिनका टिकट कट गया है।
महागठबंधन और एनडीए के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे में इस बार काफी फेर-बदल हुआ है। एनडीए में जदयू के आने से भाजपा ने अपनी 13 सीटें 2014 के मुकाबले कम कर दी हैं। 22 में से 16 सांसदों को ही दोबारा मौका मिला है। पांच मौजूदा सांसदों समेत पिछली बार चुनाव लड़कर दूसरा स्थान पाने वाले आधा दर्जन नेताओं को टिकट नहीं मिल सका।
यही हाल महागठबंधन में भी है। पिछली बार राजद ने 27 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे। अबकी बार 20 सीटों पर ही उसकी दावेदारी है। राजद को अपने कोटे से महागठबंधन में आई रालोसपा, ‘हम’ और वीआईपी के लिए सीटें छोड़नी पड़ीं। इसी तरह कांग्रेस की भी तीन सीटें कम हुई हैं।
दरअसल इस बार राज्य में लोकसभा चुनाव का परिदृश्य 2014 के चुनाव से एकदम अलग है।