Generic selectors
Exact matches only
Search in title
Search in content
Post Type Selectors
Generic selectors
Exact matches only
Search in title
Search in content
Post Type Selectors

मुसलमानो का शानदार अतीत और उस की सच्चाई !

by | Jul 4, 2025

अफ़ज़ल ख़ान

प्रस्तुत है मुसलमानों के इतिहास के कुछ ऐसे काले पन्नों जो उनकी आधुनिकता दुश्मनी, असहिष्णुता और हिंसा प्रकट करने के लिए पर्याप्त हैं। आज जिन मुस्लिम दार्शनिकों और वैज्ञानिकों का उल्लेख बड़े ही गर्व से किया जाता है और गौरवशाली अतीत के किस्सों से मुस्लिम दौर को एक सुनहरा दौर देख्या जाता है आइये आज हम आप को इतिहास के पन्ने में ले चलते है जहां आप को पता लगे गा के इन महान मुस्लिम दार्शनिकों और वैज्ञानिकों का हश्र किया हुआ.उन का हश्र देख कर आप की आँखे खुली रह जाए गी.

• याकूब अलकुण्डी नाम से हर मुसलमान अच्छी तरह परिचित है। दर्शन, भौतिकी, गणित, चिकित्सा, संगीत, रसायन, खगोल विज्ञान आदि अध्ययन में इस विद्वान ने बहुमूल्य सेवा अंजाम दी। कुछ खलीफा के दौर में कंदी को सरकारी संरक्षण मिली लेकिन खलीफा मुस्तासमबिल्ला के सत्ता आते ही कट्टरपंथियों ने उसका जीना मुश्किल कर दिया। खलीफा ने कंदी के पुस्तकालय कब्जे में ले लेने का आदेश जारी कर दिया। यही नहीं बल्कि इस महान विचारक को साठ साल की उम्र में बगदाद की सड़कों पर सरे आम पचास कोड़े मारे गए और हर कोड के साथ भीड़ खुशी से तालियां बजाते और नारे लगाता था।

• मुसलमानों के इतिहास का एक और दरख़शां सितारा इब्ने रुश्द है जो के बहुत बड़ा दार्शनिक था और उस की थ्योरी सच्चाई और खुदा बहुत मशहूर हुई थी और उस की थ्योरी से यूरोप समाज ने बहुत लाभ उठाया , लेकिन यह महान व्यक्ति भी बारहवें सदी के अंत में इमाम अबू यूसुफ के दरबार में सत्तारूढ़ होते ही लोग इस के खिलाफ हो गए । स्पेन की जामा मस्जिद में एक बड़ा सभा आयोजित किया गया। उस समय के काजी, उच्च पदाधिकारियों और बड़े उलेमा और धर्मशास्त्रियों ने इस सभा में भाग लिया। इब्ने रुश्द अपने चेलों के साथ उपस्थित हुआ। लंबी बहस और के बाद-विवाद के बाद खतीब मस्जिद ने फतवा दिया कि इब्ने रुश्द नास्तिक हो चुका है। सजा के रूप में इब्ने रुश्द और उसके चेलों को पास के एक बस्ती में नजरबंद कर दिया गया। सिवाय कुछ पुस्तकों के इब्ने रुश्द सभी किताबें जला कर राख कर दी गईं। इतिहासकारों ने यह भी लिखा है कि जब इब्ने रुश्द अपनी नजरबंदी को तोड़कर भागने की कोशिश की तो उसे पकड़ कर जामा मस्जिद के खंभे के साथ बांध दिया और हर आने जाने वाले से कहा गया के इस के मुंह पर थूके , इस तरह इब्ने रुश्द जलील हो कर पूरी जिंदगी यु ही घूमता रहा .

• इब्न सिना का नाम हमारे अतीत समलैंगिक के शीर्ष व्यक्तियों में से एक है। आधुनिक मेडिकल का नीव इब्ने सिंह के ही नाम है आज भी इस दौर में ह्यूमन बॉडी एनाटोमी की पुस्तक मेडिकल कॉलेज में सब्जेक्ट में है हमदान मंत्री ने इब्न सिना को अपना मंत्री नियुक्त कर रखा था। कट्टरपंथियों के साथ मतभेद की वजह से उसे छुपना पड़ा इस को खोजने में सेना ने उसका घर तबाह कर डाला और अमीर ने उसका सर काट करने का आदेश जारी कर दिया। इब्न सिना ने चिकित्सा पर अपनी सब से मशहूर किताब इसी प्ोशि के बीच लिखी थी। पूरी जिंदगी ये कट्टरपंथियों से छुप कर भागता रहा और उसे सर छुपाने की जगह नहीं मिली, ऐसे चिकित्सक को सम्मान मिलना चाहिए था मगर जिंदगी भर दर बदर की ठोकरे खता रहा !

* मोहम्मद ज़करिया अलराजि इतिहास में महानतम मुस्लिम चिकित्सक के रूप में जाना जाता है। अलराजि ने इतिहास में पहली बार खसरा और चेचक के अंतर को स्पष्ट किया, प्रक्रिया गढ़ने में सुधार और शायद इतिहास में पहली बार उसने मेडिकल एथिक्स की अवधारणा शुरू की। कहा जाता है कि अमीर समय अलराजि के पुस्तक में प्रस्तुत किए गए विचारों से इतना गंभीर मतभेद था कि वह आदेश जारी किया कि अलराजि की यह किताब लेखक के सिर पर तब तक जोर से मारी जाए जब तक कि किताब या सिर दोनों कोई एक फट न जाए। बुजुर्ग वैद्य ने यह सजा सहन कर ली लेकिन कुछ इतिहासकारों का मानना है कि वृद्धावस्था में इस दृष्टि चले जाने के कारण इसी घटना से लगने वाली सिर और मस्तिष्क की चोटें थीं।

• इब्ने -खलदून को ज्ञान इतिहास संस्थापक माना जाता है। हालांकि इसके साथ किसी दुर्व्यवहार के कोई सबूत तो नहीं मिलते लेकिन दिलचस्प बात यह है कि उन्नीसवीं सदी तक दुनिया में इस नाम से कोई परिचित भी न था। मुस्लिम समाज ने सदियों तक इसकी परवाह नहीं की लेकिन भला हो पश्चिम कफारों और मूर्तिपूजक का कि उन्होंने इस्लाम के इस महान सपूत को गुमनामी के अंधेरे से बाहर निकाला और दुनिया से परिचय। माशााललह अब मुसलमान इसका उल्लेख करते हुए भी फूल कर कपा जाते हैं।

( सांभर : अफ़ज़ल ख़ान, khabar ki khabar)

Recent Posts

आखिर 70% परीक्षार्थी के फेल हो जाने की ये थी वजह…

By Wazhul Qamar, Maeeshat  बिहार बोर्ड के परीक्षा में 70% परीक्षार्थियों के असफल होने के निम्नलिखित वज़ह हो सकते हैं 1. नक़ल और टॉपर घोटाले के फजीहत के बाद बोर्ड ने नक़ल रहित परीक्षा करवाया। 2. 8 मई को कई अखबारों ने खुलासा किया था कि बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने जो...

देश में सामाजिक चुनौतियों से बढ़ती गरीबी

By Asmad Habib, Maeeshat  भारत दुनिया के तेज आर्थिक विकास वाले देशों में है, पर इस विकास का लाभ गरीबों को नहीं मिल रहा। इसका असर उसके विकास पर भी पड़ा। सामाजिक चुनौतियां बनी हुई हैं और गरीबी बढ़ रही है। देश में गरीबी उन्मूलन की योजनाएं तो खूब हैं, लेकिन भूमि सुधार से...

मुसलमानो के माली हालत पर फैलता अंधेरे का कमोबेश साया

By Asmad Habib for Maeeshat  भारत की आधा से ज्यादा आबादी कमजोर आर्थिक माहौल में रहती है। आजादी के इतने सालों के बाद भी इन कौमों के अंधेरे नहीं मिटते। ऐसी ही एक कौम है मुसलमानों की... हमारे समाज में शुरू से ही मुस्लिम समाज को आर्थिक रूप से पिछड़ा माना जाता है। इसी बात...

बूचड़खानों पर लगे ताले से क्या आएंगे बुरे दिन…?

By Staff reporter, Maeeshat  उत्तर प्रदेश में नई सरकार आते ही अवैध बूचड़खानों पर ताले लगने शुरू हो गए हैं। इस मुहिम के शुरू होते ही मीट कारोबारी भी मुश्किल में है। नोट बंदी के बाद जहाँ सबसे ज्यादा नुकसान गरीब तबके को हुआ वही इस मुहीम से कई लोग बेरोजगार भी हो रहे हैं।...