नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर में हुर्रियत के नेता मीरवाइज उमर फारूक के अलावा चार अन्य कश्मीरी नेताओं को जमानत का बॉन्ड भरा कर रिहा कर दिया गया है।
मीरवाईज मौलवी उमर फारुक के अलावा नेशनल कांफ्रेंस के दो पूर्व विधायक, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी और पीपुल्स कांफ्रेंस से जुड़े दो नेताओं ने राज्य प्रशासन को बॉन्ड लिखकर दिया है कि वह अपनी रिहाई के बाद कोई भी ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे घाटी का माहौल बिगड़े।
इसके अलावा इन सभी नेताओं ने ये भी कहा है कि, यदि इन्हें रिहा किया जाता है तो सब आगे से किसी भी राजनीतिक गतिविधि में शामिल नहीं होंगे।
गौरतलब है कि अगर किसी व्यक्ति को सीआरपीसी की अनुच्छेद 107 के तहत हिरासत में लिया जाता है तो उसे एक बॉन्ड साइन करना पड़ता है। और बॉन्ड साईन करने के बाद भी वह व्यक्ति उस बॉन्ड का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाती है। इसमें व्यक्ति की गिरफ्तारी भी शामिल है।
आपको बता दें कि, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान खत्म किए जाने के बाद घाटी के प्रमुख नेताओं व अलग अलग राजनैतिक संगठनों के लोगों को ऐहतियातन हिरासत में ले लिया गया था।
फिलहाल सेंटूर सबाईडरी जेल में लगभग तीन दर्जन राजनीतिक नेता व सामाजिक कार्येकर्ता हिरासत में हैं। हिरासत में लिए गए लोगों में शाह फैसल, सज्जाद गनी लोन, वहीद उर रहमान पारा, निजामदीन बट, खुर्शीद आलम,यासिर रेशी,मोहम्मद खलील बंड ,अली मोहम्मद सागर,मुबारक गुल सरीखे वगेरह शामिल हैं। अलबत्ता, इनमें से किसी नेता ने अभी तक अपनी रिहाई के लिए बॉन्ड नहीं भरा है।