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मीडिया में तैरते हुए बीफ, तलाक़ की ख़बरें। पढ़ें पूरी कहानी

by | Jul 4, 2025

By Asmad Habib, Maeeshat 

बीफ, गौ वध या गौ हत्या? इधर कुछ महीनों से ये शब्द हर रोज खबरों में तैरते हुए आंखों के सामने आ जाते हैं। आप बीफ खाते हों या नहीं लेकिन बीते कुछ महीनों में यह शब्द बेहद विवाद में रहा है। बीफ को लेकर देश भर में खूब हो-हल्ला मचा, बयानबाजियां हुर्इं, अल्पसंख्यकों पर आरोप लगे, दंगे-फसाद हुए, मुसलमानों के खिलाफ तलवारें खिंचीं, उनके कत्ल हुए। भाजपा नेत्री साध्वी प्राची ने ललकारा कि मुसलमान मांसाहारी होते हैं, हम मुसलमान मुक्त भारत बनाएंगे।

मामला और ज्यादा विवादों में तब आया जब उत्तर प्रदेश में भाजपा की जीत के बाद योगी आदित्य नाथ ने बूचड़खाना बंद का किया। नतीजा ये हुआ की पूरी उत्तर प्रदेश में सभी मांसहारी होटल बंद की नौबत तक आ गई।

इतना ही नहीं भाजपा की सरकार बनने के बाद तमाम मीडिया में तलाक़ और बीफ को एक साथ जोड़ कर ख़बरें खूब चलाई जा रही हैं।

मामला लखीमपुर खीरी, उत्तर प्रदेश का है जिसे एक मीडिया वेबसाइट पर प्रकाशित किया गया। निकाह के वक्त खातिरदारी में बीफ न खिलाना एक बाप को भारी पड़ गया। कुछ दिन पहले अभिभावकों द्वारा बेटी का निकाह किया था। लेकिन अब बेटी की विदाई नहीं करा सकता। क्योंकि दूल्हे के घर वाले बीफ ने खिलाए जाने से नाराज हो गए हैं। परेशान पिता अब थानों के चक्कर लगा रहा है।

ये खबर वन इंडिया की वेबसाइट पर प्रकाशित की गई थी। जिसमे मामला मुरादाबाद के कुंदरकी थाना क्षेत्र का है। असगर हुसैन ने अपने बेटी रेशमा जहां की शादी, बिलारी थाना क्षेत्र के वाहिद हुसैन से तय की थी। शादी 6 मई को होनी थी लेकिन शादी से पहले ही लड़का पक्ष की तरफ से दहेज की मांग के साथ खाने में बीफ परोसने की शर्त रखी। रेशमा के पिता असगर हुसैन का कहना है, ‘मंगनी से लेकर अब तक साढ़े तीन लाख रुपए खर्च कर चुका हूं। अब चार-पांच लाख की कार कहां से दे दूंगा। लड़के पक्ष की दूसरी शर्त तो बिल्कुल नाजायज है। जब पूरे प्रदेश में बीफ पर बैन है तो अपनी लड़की की शादी में बारातियों के लिए बीफ कहां से लेकर आऊं।’ अब लड़की पक्ष ने मुरादाबाद के एसएसपी के आगे न्याय की गुहार लगाई।

देश में जहाँ गौ हत्या को लेकर कई राज्यों में पाबन्दी है वहीँ इसको लेकर कड़े कानून भी बनाये गएँ हैं।

जिसमे गौ-हत्या पर 8 राज्यों में आंशिक प्रतिबंध हैं, ये राज्य हैं- बिहार, झारखंड, ओडिशा, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक, गोवा और चार केंद्र शासित राज्यों, दमन और दीव, दादर और नागर हवेली, पांडिचेरी, अंडमान ओर निकोबार द्वीप समूह में लागू है।

दस राज्यों, केरल, पश्चिम बंगाल, असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नगालैंड, त्रिपुरा, सिक्किम और एक केंद्र शासित राज्य लक्षद्वीप में गो-हत्या पर कोई प्रतिबंध नहीं है। असम और पश्चिम बंगाल में 14 साल से अधिक उम्र की गाय, बैल व भैंस को मारकर उनका मांस खाने की इजाजत है लेकिन उसके लिए ‘फिट फॉर स्लॉटर’ की सर्टिफिकेट लेना जरूरी है।

(लेखक बिहार में पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्त्ता हैं।)

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