नई दिल्ली: दुनिया के बेहद गरीब लोगों में से एक-तिहाई भारत में रहते हैं तथा यहां पांच साल से कम उम्र में मौत के मामले सबसे अधिक होते हैं। सहस्राब्दि विकास लक्ष्यों से जुड़ी संयुक्त राष्ट्र की ताजा रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।
केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री नजमा हेपतुल्ला ने नई दिल्ली में यह रिपोर्ट जारी की। उन्होंने बताया कि रिपोर्ट के तथ्य नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के लिए चुनौती हैं और वह इससे निपटने में सफल रहेगी। नजमा ने कहा, अच्छे दिन आएंगे।
उन्होंने गरीबी उन्मूलन के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता और ‘सबका साथ, सबका विकास’ नारे का उल्लेख करते हुए कहा, हमने जो कुछ किया है, उस पर गर्व नहीं करना है। गरीबी सबसे बड़ी चुनौती है।…मुझे भरोसा है कि जब अगली रिपोर्ट आएगी, तो हम इससे बेहतर होंगे।
मंत्री ने कहा कि रिपोर्ट में मानव विकास के मानकों से जुड़े आंकड़े दुनिया के अलग-अलग क्षेत्रों के लिए अलग हैं, लेकिन भारत के संदर्भ में जो आंकड़े दिए गए हैं, वह प्रशंसनीय नहीं हैं। नजमा का संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रम के साथ लंबा जुड़ाव रहा है और अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के दौरान वह इसमें करीब से शामिल थीं।