सूबे में भाजपा की सरकार बनने के बाद स्लाटर हाउस बंद होने का सिलसिला आरम्भ हो गया। पिछले दिनों हाईकोर्ट से मिली राहत के बाद कुरैशी समाज नये सिरे से लामबंद हो रहा है। जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन के दौरान मीट कारोबारियों न सिर्फ अपनी ताकत दिखायी बल्कि सरकार को चेतावनी दे डाली कि यदि रमजान आरम्भ होने तक उन्हें बीफ (भैंस का मांस) के कारोबार की अनुमति नहीं मिली तो वह कानून हाथ में लेने के लिए बाध्य होंगे।
इनका कहना था कि रोजगार संवैधानिक अधिकार है और इसे कोई नहीं छीन सकता है। सरकार उनकी बातों पर ध्यान नहीं देगी तो वह परिवार के साथ जिला मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ जायेंगे।
जिला मुख्यालय पर आॅल इंडिया कुरैशी विकास मंच और भाकपा माले की तरफ से आयोजित विशाल प्रदर्शन में पूर्वांचल के कई जिलों से प्रतिनिधि आये थे। इस दौरान हुई सभा में वक्ताओं ने कहा कि स्लाटर हाउस बंद हो जाने से प्रदेश के 25 लाख लोगों के समक्ष रोजगार का संकट उत्पन्न हो गया है। इनके परिवारों में भुखमरी की स्थिति चल रही है।
भैंस मीट के कारोबार से जुड़े इन लोगों का कहना था कि मटन और मुर्गा व्यवसाय भी एनजीटी के मानकों के अनुरुप नहीं है, लेकिन उसे चलने दिया जा रहा है। इसी तरह से भैंस के मीट के कारोबार को चलने की अनुमति दी जाए। साथ स्लाटरिंग की वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। प्रदेश के 90 फीसदी स्टाटर हाउस सरकारी हैं तो उसमें पहले से प्रबंध क्यों नहीं किये गये थे।
प्रदर्शनकारियों ने सीएम योगी के नाम संबोधित ज्ञापन डीएम के प्रतिनिधि मजिस्ट्रेट को सौंपकर मांग की कि कोर्ट के आदेशों की अवमानना न करते हुए प्रदेश सरकार स्लाटर हाउस के नवीनीकरण का आदेश जारी कर दे। हाईकोर्ट ने भी निर्देश दिया है कि मांसाहार को रोका नहीं जा सकता है।
मीट कारोबारियों ने कहा कि रोजगार उनका संवैधानिक अधिकार है। इस बंदी के कारण लोग भुखमरी के शिकार हो रहे हैं। उन्होंने मांग की कि छोटे दुकानदारों को बड़े व्यवसायियों की तरह सब्सिडी दी जाए। इस प्रदर्शन में पूर्वांचल के लगभग सभी जिलों के मीट कारोबारियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान सीओ कैंट समेत कइ थानों की फोर्स और पीएसससी सुरक्षा के मद्देनजर लगे हुए थे।