अमित गुईन*
भारत सरकार ने विदेशों में रह रहे भारतीयों द्वारा भारत में निवेश को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। सरकार, प्रवासी भारतीयों सहित (एनआरआई) संभावित निवेशकों को निवेश नीतियों और कार्य प्रणालियों तथा अवसरों के बारे में परामर्श देकर तथा निवेश से संबंधित जानकारी देकर निवेश बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
भारत में निवेश के लिए यह समझना ज़रूरी है कि प्रवासी भारतीय वह व्यक्ति है जो भारत से बाहर रहता है लेकिन भारत का नागरिक है या भारतीय मूल का व्यक्ति है। भारतीय मूल का व्यक्ति वह है जिसमें वह व्यक्ति या उसके पूर्वज भारतय नागरिक थे तथा वर्तमान में किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण किए हुए है।
सरकार की प्रवासी भारतीयों से निवेश सहित प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई)के लिए उदारवादी तथा पारदर्शी नीति है जिसमें स्वत: मार्ग के तहत अधिकतर क्षेत्र एफडीआई के लिए खुले हैं। एनआरआई समय-समय पर संशोधित विदेशी मुद्रा प्रबंधन (भारत से बाहर रहने वाले व्यक्ति द्वारा जारी या हस्तांतरित प्रतिभूति) विनियमन, 2000 के तहत भारत में निवेश कर सकते हैं। इस विनियमन की अनुसूचि में शामिल एफडीआई के तहत टाउनशिप, आवासीय, निर्माण-विकास परियोजनाओं (जिसमें आवासीय, व्यावसायिक परिसर, होटल, रिसोर्ट, अस्पताल, शैक्षिक संस्थान, मनोरंजक सुविधाएं, शहर और क्षेत्रीय स्तरीय बुनियादी ढांचा शामिल हैं लेकिन इसतक सीमित नहीं है) में एफडीआई से संबंधित किसी शर्त के बगैर ,शत प्रतिशत एनआरआई निवेश की अनुमति है । यह अधिसूचित हवाई परिवहन सेवाएं/ घरेलू अधिसूचित यात्रा एयरलाइन्स, गैर-अधिसूचित हवाई परिवहन सेवाएं, ग्राउंड हैंडलिंग सेवाओं के क्षेत्रों में एनआरआई निवेश की विशेष व्यवस्था है जिसमें स्वत: मार्ग के जरिए शत प्रतिशत एनआरआई निवेश की अनुमति है।
इसके साथ एफडीआई योजना के तहत एनआरआई, भारतीय कंपनी के शेयर/परिवर्तनीय डिबेंचर में निवेश कर सकते हैं जो अधिसूचना संख्या फेमा 20 की अनुसूची में उल्लिखित नियम और शर्तों के अधीन है। एनआरआई भारतीय कंपनी के शेयर/परिवर्तनीय डिबेंचर को भारत में पंजीकृत ब्रोकर या मान्यताप्राप्त शेयर बाज़ार के जरिए पोर्टफोलियो निवेश योजना (पीआईएस) के तहत प्रत्यावर्तन तथा अप्रतयावर्तन आधार पर बेच और खरीद सकते हैं। पीआईएस के तहत एनआरआई के लिए व्यक्तिगत सीमा प्रदत्त पूंजी/भारतीय कंपनी के परिवर्तनीय डिबेंचर की प्रत्येक श्रेणी के प्रदत्त मूल्य का 5 प्रतिशत है। सभी एनआरआई के लिए एक साथ ली गई कुल सीमा प्रदत्त पूंजी/कंपनी का प्रदत्त मूल्य एक प्रतिशत है। भारतीय कंपनी द्वारा यह सीमा बोर्ड प्रस्ताव तथा विशेष वार्षिक आम बैठक में प्रस्ताव पारित करके 24 प्रतिशत तक बढ़ सकती है।
अधिसूचना संख्या फेमा 20 की अधिसूची में एनआरआई बिना किसी सीमा के प्रत्यावर्तन आधार पर सरकारी प्रतिभूतियों (धारक प्रतिभूतियों के अलावा) या ट्रेयरी बिल या घरेलू म्यूचल फंड की यूनिट, भारत में सार्वजनिक उपक्रम द्वारा जारी बांड, भारत में शामिल कंपनी के अपरिवर्तीय डिबेंचर, अवसंरचना ऋण कोष द्वारा जारी बॉंड/यूनिट, सरकार द्वारा सार्वजनिक उपक्रम में विनिवेश किए गए शेयर और भारत में बैंकों द्वारा जारी पर्पेच्युल डेब्ट इंस्ट्रूमेंट तथा डैब्ट कैपिटल इंस्ट्रूमेंट खरीद सकते हैं। इसी अधिसूची के नियमों के अनुसार एनआरआई या विदेशी कारपोरेट निकाय बिना किसी सीमा के गैर-प्रत्यावासान आधार पर सरकारी प्रतिभूतियां (धारक प्रतिभूतियों के अलावा), ट्रेयरी बिल, घरेलू म्यूचल फंड की इकाइयां, भारत में ट्रेयरी बिल, मनी मार्केट बाज़ार म्यूचल फंड की यूनिट, या राष्ट्रीय योजना/बचत प्रमाण-पत्र खरीद सकते हैं। हालांकि एनआरआई को लघु बचत या सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) में निवेश की अनुमति नहीं है।
सरकार ने प्रवासी भारतीयों द्वारा भारत में पैसा लाने के लिए बढ़ावा देने के लिए कुछ और सुविधाएं दी हैं। बैंक के पास प्रवासी विदेशी (एनआरई) डिपोजिट के तहत एक साल तथा उससे अधिक के अवधि खाते पर मैच्यूरिटी की अवधि डिपोजिट और बचत डिपोजिट तथा प्रवासी सामान्य (एनआरओ) खाते के तहत बचत डिपोजिट में ब्याज दरें तय करने का अधिकार है। एनआरई खाता वह है जिसे प्रवासी व्यक्ति स्वयं खोल सकता है तथा न कि अटार्नी अधिकार धारक के जरिए खोल सकता है। केवल एनआरआई ही एनआरई खाते में संयुक्त खाता धारक बन सकते हैं।दूसरी जगह एनआरओ निवासियों तथा/या एनआरआई के साथ संयुक्त रूप से खोले जा सकते हैं। इसके साथ बैंक खाता धारक या तीसरे पक्ष को एनआरई/ विदेशी मुद्रा प्रवासी (बैंक) खाते में बैलेंस को देखते हुए सीमांत ज़रूरतों के अधीन भारत में रूपए में ऋण या भारत से बाहर विदेशी मुद्रा ऋण की स्वीकृति दे सकते हैं। एनआरआई की मदद के लिए दूसरी मुद्रा में भी एफसीएनआर खातों के लिए अक्तूबर 2011 से एफसीएनआर (बी) खाते खोलने की अनुति दी गई है। इसके अलावा, एनआरआई सितम्बर, 2011 से निवासी के साथ एनआरई/एफसीएनआर खाता खोलने के लिए पात्र हैं।
सरकार ने संभावित विदेशी निवेशकों को निवेश के लिए आकर्षित करने हेतु औद्योगिक नीति तथा संवर्धन विभाग और भारतीय वाणिज्य एवं उद्योग महासंघ (फिक्की) के बीच बिना कोई लाभ वाली एक संयुक्त उपक्रम कंपनी ‘निवेश भारत’ शुरू की है। दूसरी तरफ प्रवासी मामलों के मंत्रालय ने संभावित प्रवासी भारतीयों की सुविधा के लिए प्रवासी भारतीय सुविधा केंद्र और प्रवासी भारती जो भारत में निवेश करना चाहते हैं उनके लिए प्रवासी भारतीय निकाय स्थापित किए हैं।प्रवासी भारतीय सुविधा केंद्र ने विभिन्न देशें में कई निवेश संबंधी बैठकें/ रोडशो आयोजित किए हैं। इसने भारत में वार्षिक प्रवासी भारतीय दिवस के दौरान ‘मार्केट प्लेस’ भी आयोजित किया था ।वार्षिक और क्षेत्रीय पीबीडी के जरिए प्रवासी भारतीयों को निवेश में सुविधा मिल रही है।